फरवरी की पहली तारीख को सरकार देशवासियों को हाइड्रोजन ट्रेन का तोहफा दे सकती हैं.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में इसकी घोषणा कर सकती हैं. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने भी इसके संकेत दिए हैं. रेल मंत्री एक बार पहले भी कह चुके हैं कि इस साल दिसंबर तक देश में हाइड्रोजन ट्रेनें चलने लगेंगी. फिलहाल इन्हें हेरिटेज रूट पर शुरू किया जा सकता है ताकि इन्हें प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके.
देश की नॉर्थन रेलवे वर्कशॉप में हाइड्रोजन फ्यूल बेस्ड ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार कराया जा रहा है. रेल मंत्री ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा. यदि ऐसा होता है तो एशिया में चीन के बाद हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ाने वाला भारत पहला देश बन जाएगा. आइए जानते हैं कि हाइड्रोजन ट्रेन की खासियतें और यह किन संभावित रूट्स पर चल सकती है.
कैसी होगी हाइड्रोजन ट्रेन?
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन को ही हाइड्रोजन ट्रेन या हाइड्रेन कहते हैं, यह पर्यावरण के बेहद अनुकूल है, इससे प्रदूषण नहीं होता. यह ट्रेन सीधे हाइड्रोजन से नहीं, बल्कि हाइड्रोजन की मदद से बनाई गई बिजली से चलाई जाती है. इसमें सबसे पहले हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन को मिलाया जाता है, इससे ऊर्जा बनती है जिससे बैटरी चार्ज होती हैं. इसी ऊर्जा से ट्रेन रफ्तार पकड़ती है.
जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन बनाने वाली कंपनी एलस्टॉम के मुताबिक यह पूरी प्रक्रिया बिना शोरगुल से होती है. खासकर यह ट्रेन उन स्थानों पर चलाई जा सकती है, जिन ट्रेन रूट पर रेलवे अभी तक डीजल इंजनों का प्रयोग कर रहा है. ईंधन के तौर पर यह सस्ता भी होगा और पर्यावरण के लिए अच्छा भी.
इन रूट पर चलाई जा सकती है!
रेल मंत्री ने हाइड्रोजन ट्रेन को हेरिटेज रूट्स पर चलाने की बात कही है, यानी कि ऐसी रेल लाइनें जो हमारी विरासत की श्रेणी में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कालका-शिमला, माथेरान हिल रेलवे, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन, कांगड़ा घाटी, बिलमोरा वाघई आदि नैरो गेज मार्ग पर सबसे पहले हाइड्रोजन ट्रेन चलाई जा सकती है, ताकि प्रदूषण से मुक्ति मिल सके. अभी तक इन रूट्स पर डीजल इंजन चलाए जा रहे हैं.
140 किमी प्रतिघंटा तक स्पीड
फिलहाल जर्मनी, ब्रिटेन और चीन में हाइड्रोजन ट्रेन चल रही हैं. TWI ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक यह ट्रेन 140 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है. एक बार में ईंधन भर जाने के बाद यह एक हजार किमी तक चल सकती है. खास बात ये है कि इसमें ईंधन भरने की प्रक्रिया 20 मिनट में पूरी हो जाती है. हाल ही में चीन ने भी अर्बन रेलवे के लिए हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की है. चीन ऐसा करने वाला एशिया का पहला देश है. हालांकि इस ट्रेन की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा तक है. भारत में चूंकि ये हेरिटेज रूट्स पर चलेगी, इसलिए इसकी गति शुरुआत में कम ही रखी जाएगी.


