पराली प्रबंधन पर बोले पंजाब मंत्री, कहा- केंद्र सरकार किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया करवाए

Punjab minister said on stubble management, said- Central government should provide financial assistance to farmers

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पराली को जलाने से होने वाला प्रदूषण केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे मुल्क की समस्या है। किसानों को धान की पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य सरकार निरंतर कदम उठा रही है, परन्तु इस मुहिम को तभी बढ़ावा मिल सकता है अगर केंद्र सरकार किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया करवाए।

यह बात पंजाब के पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की रखी वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा मीटिंग के दौरान कही।

आज यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय-2 के कमेटी रूम में वी.सी. के द्वारा मीटिंग में शामिल होते हुए मीत हेयर ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा धान की बिजाई के मौके पर केंद्र सरकार के समक्ष पराली प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता देने की माँग रखी गई थी।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए 90 हज़ार से अधिक मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई हैं। 32 हज़ार से अधिक और मशीनें किसानों को देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इसके अलावा पराली को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए बिजली, बायोगैस आदि प्लांट स्थापित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। ईंटों के भठ्ठों के लिए 20 प्रतिशत ईंधन के तौर पर पराली का प्रयोग अनिवार्य किया जा रहा है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या की रोकथाम के लिए लोगों की हिस्सेदारी भी बहुत ज़रूरी है, जिसके लिए कॉलेजों-यूनिवर्सिटियों के विद्यार्थियों के द्वारा जागरूकता मुहिम भी शुरु की गई है।

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री द्वारा भी निरंतर कोशिशें जारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए अस्थाई प्रबंधों के अलावा पक्के प्रबंधों पर भी काम कर रही है। इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भुपिन्दर यादव ने भी संबोधन किया।

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