पंजाब में एडवोकेट जनरल और डीजीपी (Advocate General and DGP) की नियुक्ति के विवादास्पद मुद्दे को हल करने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच बैठक होने के पांच दिन बाद भी पार्टी आलाकमान और पीपीसीसी प्रमुख (PPCC chief) के बीच इस्तीफे को लेकर गतिरोध बना हुआ है. सिद्धू ने अभी तक अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है और न ही कांग्रेस पार्टी ने इसे स्वीकार किया है.
बताया जा रहा है कि आलाकमान ने सिद्धू को यह सार्वजनिक करने के लिए कहा है कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, अब वह उनसे संतुष्ट हैं. जबकि सिद्धू ने अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है कि जब तक उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, वह सार्वजनिक रूप से संतोष व्यक्त नहीं करेंगे. इसी बीच गतिरोध जारी है और नए पीपीसीसी प्रमुख के पद के लिए एक बार फिर से पैरवी शुरू हो चुकी है. पीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और पार्टी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के साथ दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले चन्नी ने सत्ता के हलकों में यह चर्चा छेड़ दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह सिद्धू के हठ के कारण है कि वह अपना इस्तीफा वापस लेने से पहले एजी को पहले और एक नए डीजीपी को बदलना चाहते हैं, लेकिन पार्टी इस समय यह नहीं चाहती है. सिद्धू ने जिस तरह से अपना इस्तीफा ट्वीट किया और सीएम को शर्मिंदा किया, वह उन्हें पसंद नहीं आया. वह चाहते हैं कि वह पार्टी के मंच पर मुद्दों को उठाएं.


