पंजाब में नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 15 सदस्यीय मंत्रिमंडल के पास राज्य के कामों को पटरी पर लाने के लिए अब सिर्फ 3 महीने का समय बचा है, क्योंकि इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो सकती है. इसे देखते हुए चन्नी सरकार ने ओवरटाइम काम करके हर मंगलवार को कैबिनेट बैठक में राज्य के ‘लोगों को तोहफा’ देने की योजना बनाई है. कैबिनेट बैठक का यह विचार सीएम चन्नी द्वारा लाया गया है.
विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में चन्नी सरकार ने महत्वपूर्ण कार्यों को निपटाने की योजना बनाई है. इसमें 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा गोलियां चलाए जाने की जांच पूरी करने की समय सीमा महत्वपूर्ण है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल को विशेष जांच टीमों (SIT) के लिए 6 महीने की सीमा तय की थी, जो दो हफ्ते में पूरी होने वाली है. सीएम चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू ने ‘असल दोषियों’ को पकड़ने का वादा किया है.
उम्मीद की जा रही है कि पंजाब के सीनियर कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर आगे आकर सरकार से कुछ हफ्तों के अंदर कार्रवाई करने और बादल परिवार को गिरफ्तार करने की मांग करेंगे. न्यूज18 के मुताबिक, पंजाब के एक मंत्री ने बताया, “हाई कोर्ट ने मामले की जांच के लिए नए सिरे से एसआईटी गठन के बाद 6 महीने का समय दिया था, जो कि कैप्टन सरकार ने देरी करते हुए मई में किया था. लेकिन हम जानते हैं कि 9 अक्टूबर के आते ही दबाव बनना शुरू हो जाएगा.”


