कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ केंद्रीय और पंजाब के नेताओं पर पंजाब सरकार का शिकंजा अब कसने वाला है। मामला गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान रोपड़ सैंट्रल जेल में ‘वी.आई.पी. ट्रीटमैंट’ देने का है।
मान सरकार के पास इस बात के प्रमाण हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं के निर्देशों पर पूर्व पंजाब सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर गैंगस्टर की पैरवी पर 55 लाख रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए।
पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस के अनुसार इस मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। इस मामले में संलिप्त जेल विभाग के अधिकारी भी बख्शे नहीं जाएंगे।
जेल मंत्री बैंस ने कहा कि इस मामले में केवल पंजाब के ही नहीं बल्कि केंद्रीय स्तर के नेताओं के नाम आ रहे हैं और इस मामले में जांच रिपोर्ट विस्फोट से कम नहीं होगी।
किसके आदेशों पर मुख्तार अंसारी को वी.वी.आई.पी. रिहायश, हर सुविधा दी गई थी और उसकी पैरवी की गई जिस पर 55 लाख से अधिक का खर्च जेल विभाग ने किया।
अंसारी को यू.पी. की बांदा जेल से लाए जाने के बाद रंगदारी के एक मामले में जनवरी 2019 में पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया था।
गैंगस्टर अंसारी को 25 से अधिक कैदियों वाले एक सैल में रखा गया था जहां उसके पास सभी सुविधाएं थीं। पंजाब सरकार के दावे के मुताबिक इस स्पैशल सैल में अक्सर उनकी पत्नी भी उनके साथ रहती थी।
मोहाली में गैंगस्टर के खिलाफ रोपड़ जेल में बंद करने के लिए फर्जी प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे 2 साल 3 महीने तक सभी सुविधाएं दी गईं। इस मामले में चालान भी पेश नहीं किया गया, जबकि अतीत की सरकार ने अंसारी को इस कदर सुरक्षित रखा कि यू.पी. सरकार ने गैंगस्टर को कम से कम 25 बार पेशी वारंट पर लेने की कोशिश की, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनको हिरासत नहीं दी।
सुप्रीम कोर्ट में गई यू.पी. सरकार के विरुद्ध पंजाब ने गैंगस्टर अंसारी को बचाने के लिए वकीलों पर 55 लाख रुपए खर्च दिए जिसकी फीस पंजाब के खजाने से अदा की गई।


