भाजपा के वरिष्ठ नेता जगमोहन सिंह राजू ने पंजाब सरकार की शराब नीति के खिलाफ अमृतसर में दो दिन का व्रत रखने की घोषणा की है।
इसके साथ ही उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्य़क्ष हरजिंद्र सिंह धामी को पत्र लिखकर पंजाब में शराब के बढ़ रहे उपयोग के कारण हो रहे सामाजिक व आर्थिक नुक्सान का ध्यान इस तरफ दिलाया है और नीति के खिलाफ मोर्चा खोलने की मांग की है।
राजू ने अपने पत्र में लिखा है कि पंजाब में सिख समुदाय के सबसे ज्यादा लोग शराब के आदी हैं। पंजाब में 30.5 फीसदी सिख शराब पीते हैं जबकि शराब पीने वाले हिंदुओ की संख्या 25 फीसदी और मुसलमानों की संख्या 6 फीसदी है।
राजू ने अपने पत्र में लिखा है कि हमारे गुरुओं हमें नशों से दूर रहने का संदेश दिया है, लेकिन इसके बावजूद पंजाब में हर व्यक्ति एक वर्ष में 7.9 लीटर शराब पीता है और देश भर में शराब पीने के मामलों में हम दूसरे नंबर पर हैं।
राजू ने अपने पत्र में लिखा है कि यह स्थिति काफी गंभीर है क्योंकि 10 से लेकर 17 साल तक के युवाओं के बीच भी शराब पीने की लत लगातार बढ़ रही है और शराब से शुरू होने वाली ये नशे की लत बाद में तंबाकू, अफीम और कई अन्य प्रकार के नशों की तरफ ले जाती है। इससे पंजाब का सामाजिक और आर्थिक ताना-बाना बिगड़ रहा है।
पंजाब में नशे की जमीनी हकीकत जानने और इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए जगमोहन सिंह राजू ने 31 जुलाई से लेकर 11 अगस्त के बीच एक मुहिम चलाई, जिसमें पंजाब के 45 से ज्यादा कस्बों में यह मुहिम चली। इस दौरान वह हजारों लोगों से मिले और सोशल मीडिया के जरिए भी करीब 20 लाख लोगों तक पहुंच बनाई गई।
इस मुहिम के दौरान उन्हें इस बात का पता चला है कि परिवार के पुरुष सदस्यों द्वारा शराब का उपयोग किए जाने के बाद महिलाओं और बच्चों के प्रति उनका व्यवहार हिंसक हो जाता है, जिस कारण परिवारों में अशांति के मामले भी बढ़ रहे हैं।


