वरिष्ठ अधिवक्ता डी एस पटवालिया (D S Patwalia) अब पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (महाधिवक्ता) हैं. पटवालिया वही शख्स हैं, जिनकी नियुक्ति के लिए पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) लगातार जोर दे रहे थे. पंजाब कैबिनेट (Punjab Cabinet) द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता ए पी एस देओल (A P S Deol) के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के कुछ दिनों बाद पटवालिया को राज्य के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था.
देओल ने 1 नवंबर को उस वक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जब सिद्धू ने सार्वजनिक रूप से उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया था और नए राज्य मंत्रिमंडल में विभागों के वितरण पर सीएम के साथ बहस की थी. देओल ने अतुल नंदा की जगह ली थी, जिन्होंने कुछ महीने पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद इस्तीफा दे दिया था.
सिद्धू क्यों देओल की नियुक्ति के खिलाफ थे
एडवोकेट जनरल के रूप में देओल की नियुक्ति के खिलाफ सिद्धू की यह आपत्ति थी कि वह पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के वकील रहे हैं और विभिन्न मामलों में उनके लिए जमानत हासिल कर चुके हैं. सैनी कोटकपूरा पुलिस फायरिंग के मामलों में भी जांच के घेरे में हैं, जो 2015 में बेअदबी के मामलों के बाद हुई थी.
ए पी एस देओल के साथ ही सिद्धू कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति का भी विरोध कर रहे हैं. सहोता और देओल दोनों ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पसंद माने जाते हैं.


