पंजाब (Punjab) में कोयले की कमी (Coal Shortage) के कारण पांच थर्मल प्लांट इकाइयां (Thermal Plant Units) बंद होने से लोगों को शहर से गांवों तक 5 से 8 घंटे के पावरकट (Power Cuts) झेलने पड़ रहे हैं. जल्द ही कोयले की कमी को पूरा नहीं किया गया तो पूरा पंजाब अंधेरे में डूबने की संभावना है. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) की अलग-अलग सहायक कंपनियों द्वारा पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (Punjab State Electricity Corporation Limited) के समझौतों के मुताबिक कोयले की अपेक्षित सप्लाई न करने के लिए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh channi) ने केंद्र सरकार की आलोचना की है.
सीएम चन्नी ने निर्धारित कोयले की मात्रा के मुताबिक राज्य के लिए कोयले की सप्लाई तुरंत बढ़ाने की अपील की है. जिससे बिजली संकट पर काबू पाया जा सके. उन्होंने कहा कि कोयले के भंडार घटने के कारण राज्य के थर्मल प्लांट बंद हो सकते हैं, क्योंकि अगले कुछ दिनों में मौजूद भंडार भी खत्म होने की संभावना है.
राज्य की बिजली की स्थिति का जायजा लेते हुए सीएम चन्नी ने कहा कि कोयले की उचित सप्लाई न मिलने के कारण सभी थर्मल प्लांट पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन करने के योग्य नहीं हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि जहां भी धान की फसल पकने तक सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत है, वहां सप्लाई को सुनिश्चित बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि शहरों और गांवों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली कट लगाए जा रहे हैं, जिससे कृषि क्षेत्र के लिए उचित बिजली सप्लाई सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ ग्रिड अनुशासन को कायम रखा जा सके.
इससे पहले चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर ए वेनू प्रसाद ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि देश भर में थर्मल प्लांट कोयले की कमी और कोयले की सप्लाई के संकट में से गुजर रहे हैं. राज्य में प्राइवेट बिजली निर्माता (आईपीपी) के पास कोयले का स्टॉक दो दिन से भी कम बचा है, जिनमें नाभा पावर प्लांट (1.9 दिन), तलवंडी साबो प्लांट (1.3 दिन), जीवीके के पास (0.6 दिन) का ही स्टॉक है और यह लगातार कम हो रहा है, क्योंकि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा जरूरत के मुताबिक कोयले की सप्लाई नहीं की गई.


