पंजाब सरकार और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर पिछले 3 दिन से बना हुआ विवाद अब खत्म हो गया है।
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आज सुबह सवेरे ही पंजाब विधानसभा का सत्र 27 सितंबर को सुबह 11 बजे बुलाने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि आखिर यह सत्र क्यों बुलाया है और इसमें कौन-कौन से विधायी कार्य किए जाएंगे।
दिलचस्प बात यह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए 22 सितंबर को एक स्पेशल सेशन बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन विपक्ष की ओर से इसे असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल को लिखा गया तो राज्यपाल ने सत्र बुलाने संबंधी दी गई मंजूरी को वापस ले लिया, जिससे पंजाब सरकार और राजभवन के बीच में विवाद खड़ा हो गया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के इस ट्वीट का जवाब उन्हें एक पत्र लिखकर दिया, जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वह इन दोनों अनुच्छेदों को अच्छी तरह से पढ़ लें, फिर उनके बारे में कोई राय बनाएं। शनिवार को राजभवन की ओर से भेजे गए इस पत्र के जवाब में संसदीय कार्य विभाग ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर बताया कि इस सत्र में जीएसटी, बिजली और पराली को लेकर चर्चा की जाएगी।


