पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) की कलह भरी राजनीति में एक बार फिर स्थितियां शांत होती दिख रही हैं. एक ओर जहां नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के तेवर में नरमी आई है. वहीं कांग्रेस हाईकमान ने भी उनके लिए नरम रुख अख्तियार किया है. हालांकि सिद्धू से यह स्पष्ट कहा गया है कि उन्हें पार्टी लाइन पर ही चलना होगा. सिद्धू ने गुरुवार को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की.
सिद्धू ने दोनों नेताओं को उन मुद्दों से अवगत कराया, जिनको लेकर उन्होंने पिछले दिनों पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मुख्यालय पर करीब सवा घंटे तक चली बैठक में पंजाब सरकार और संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और सहमति बनाने का प्रयास हुआ ताकि चुनाव से पहले पूरी पार्टी एकजुट होकर मैदान में उतर सके.
सूत्रों ने यह भी बताया कि फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में बदलाव के आसार कम हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का समय रह गया है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान सिद्धू के इस्तीफे को लेकर उनके और पार्टी दोनों के लिहाज से कोई सम्मानजनक फैसला कर सकता है. माना जा रहा है कि अगले एक या दो दिनों में निर्णय हो सकता है.
बैठक के बाद रावत और सिद्धू क्या बोले?
बैठक के बाद रावत ने कहा, ‘सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी बातचीत कर चुके हैं. कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनमें समय लगता है… कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला सबको स्वीकार होगा.’ उन्होंने कहा कि जब सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था तो उस वक्त उनसे कहा गया था कि वह संगठन को मजबूत करें.
दूसरी ओर सिद्धू ने कहा, ‘मैंने पंजाब और पंजाबियों से जुड़ी चिंताओं से पार्टी आलाकमान को अवगत कराया है. मुझे कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी में पूरा विश्वास है. वो जो भी फैसला करेंगे, वो कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा. मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा.’


