नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से दिया अपना इस्तीफा वापस (withdraw resignation) ले लिया है. इसकी जानकारी उन्होंने शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है. हालांकि सिद्धू ने शर्त रख दी है कि वो कामकाज तभी शुरू करेंगे जब राज्य में नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति की जाएगी. उन्होंने कहा- ‘ये मेरा पर्सनल ईगो नहीं है. मैंने इस्तीफा वापस ले लिया है और मैं फिर कह रहा हूं कि जिस दिन राज्य में नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति हो जाएगी, उसी दिन मैं पदभार ग्रहण कर लूंगा.’
राज्य में अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि नए निजाम को अभी दो बड़े मुद्दों पर काम करना है. पहला ड्रग्स के मुद्दे पर और दूसरा धार्मिक ग्रंथ के अपमान के मामले में. बता दें कि ठीक तीन दिन पहले यानी मंगलवार को सिद्धू और चन्नी एक साथ नजर आए थे. तब सिद्धू की तरफ से कहा गया था कि अब सब कुछ ठीक है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पंजाब पार्टी इंचार्ज हरीश रावत भी चन्नी और सिद्धू की मीटिंग में साथ देखे गए थे. तब यह दिखाने की कोशिश हुई थी अब कोई मतभेद की बात नहीं है. लेकिन आज फिर सियासत गर्माती दिखाई दे रही है.
एडवोकेट जनरल के इस्तीफे की आई थी खबर
इससे पहले खबर आई थी कि पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस देओल को पंजाब का महाधिवक्ता नियुक्त किए जाने के बाद चन्नी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे. इसी मुद्दे पर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था. दरअसल, धर्मग्रंथ बेअदबी मामले के खिलाफ देओल ने ही कोर्ट में पैरवी की थी. इसके अलावा उन्होंने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का केस भी लड़ा था.
निशाने पर कैप्टन
बुधवार को सिद्धू ने एक बार फिर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा था. सिद्धू ने कैप्टन को ‘धोखेबाज’, ‘कायर’ और ‘रोने वाला बच्चा’ करार दिया था. सिद्धू ने पूर्व सीएम को ‘चुका हुआ कारतूस’ भी बताया.


