पंजाब बॉर्डर (Punjab) पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र (BSF jurisdiction) मौजूदा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर पंजाब सरकार (Punjab government) एक दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुला सकती है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के फैसले को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि यह कदम संघीय ढांचे के खिलाफ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमन-कानून की व्यवस्था राज्य का मुद्दा है और पंजाब को विश्वास में लिए बिना राज्य पर यह फैसला थोपने का केंद्र सरकार का कोई आधार नहीं बनता. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य में अपनी पुलिस फोर्स के साथ अमन-कानून की स्थिति को बनाए रखने में पूर्ण तौर पर समर्थ है. उन्होंने कहा कि पुलिस की काबिलियत और क्षमता स्वरूप ही राज्य में दशकों लंबे आतंकवाद पर काबू पाया गया था जिससे अमन-शान्ति, सद्भावना और भाईचारे की सांझ बहाल हुई.
सीएम चन्नी ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के संवेदनशील मुद्दे को तूल देकर लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की आलोचना की है. चन्नी ने बादल से केंद्रीय बलों के हरिमन्दर साहिब और अन्य धार्मिक स्थलों में प्रवेश करने की भड़काऊ बयानबाजी से परहेज करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अकाली दल के प्रधान बीएसएफ के मुद्दे की आड़ में लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर पंजाब को फिर से आतंकवाद के काले दौर में न धकेलें क्योंकि अकाली दल ही राज्य के नौजवानों को गुमराह करके उनको आतंकवाद के मार्ग पर धकेलने के लिए जिम्मेदार है.
सीएम चन्नी ने कहा कि इस मसले को लेकर कैबिनेट की एक विशेष मीटिंग जल्द ही बुलाई जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में भी गहराई के साथ चर्चा की जाएगी, यदि यह मुद्दा फिर भी नहीं सुलझा तो पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा.


