पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने राज्य के महाधिवक्ता के रूप में एपीएस देओल (Punjab Advocate General APS Deol) का इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के हमलों के बाद देओल ने सोमवार को मुख्यमंत्री चन्नी को अपना त्याग पत्र सौंपा था.
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से निशाना साधे जाने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री को एपीएस देओल ने इस्तीफा सौंपा था. दरअसल एपीएस देओल बेअदबी और पुलिस फायरिंग मामले में दो आरोपी पुलिसकर्मियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. ऐसे में सिद्धू की मांग थी कि उन्हें इस पद से हटाया जाए. सिद्धू की ओर से लगातार पंजाब के डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने की मांग की जा रही है.
इस ताजा घटनाक्रम को राज्य सरकार पर सिद्धू के सार्वजनिक हमलों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है. सिद्धू ने बिजली दरों में कटौती की घोषणा को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया था. एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सिद्धू का राज्य सरकार पर लगातार जारी हमलों के कारण सीएम चन्नी ने यह कदम उठाया है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को सितंबर में एडवोकेट जनरल पद पर नियुक्त किया गया था. उनसे पहले इस पद पर अतुल नंदा नियुक्त थे, कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद छोड़ने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. देओल 2015 में धार्मिक ग्रंथ बेअदबी मामले के बाद हुई पुलिस गोलीबारी के मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के वकील थे.


