उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से करीब पांच महीने पहले राज्य दलबदल की राजनीति का अखाड़ा बन गया है. इसी के मद्देनज़र पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि विरोधी पार्टी के कई नेता कांग्रेस में आने के इच्छुक हैं, लेकिन माफी मांगे बगैर उनके लिए पार्टी के दरवाज़े नहीं खुलेंगे. दल बदलने वाले नेताओं को रावत ने ‘महापापी’ करार देते हुए यह भी दावा किया कि वह दलबदल की राजनीति के पक्ष में नहीं हैं. इधर, यशपाल आर्य के कांग्रेस जॉइन करने के बाद आए रावत के इस बयान के बाद भाजपा ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि रावत मनगढ़ंत बातें कर रहे हैं.
राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री यशपाल आर्य और नैनीताल से विधायक उनके बेटे संजीव आर्य ने सोमवार को ही कांग्रेस का दामन थामा. इससे पहले पिछले एक महीने के दौरान एक कांग्रेस विधायक समेत तीन विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं. दलबदल की इस राजनीति के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने न्यूज़18 के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘जिन लोगों की वजह से 2017 में कांग्रेस सरकार के गिरने की स्थिति बनी, वो अब वापस आना चाहते हैं, तो उन्हें अपना ‘पाप’ स्वीकार करना होगा.’
हरीश रावत ने कहा कि संसद हो या विधानसभा, दलबदल किसी भी सदन के लिए पाप जैसा होता है. ‘अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे महापाप कहा था. 2016 और 2017 में दलबदल जिस तरह हुआ, उसे मैं उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में कलंक मानता हूं. अब ऐसे महापापी कांग्रेस में आना चाहते हैं तो उन्हें पाप स्वीकार करके ही आना पड़ेगा.’


