महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में से एक औरंगाबाद शहर के नाम को लेकर एक बार फिर राजनीति जोरों पर है। एक तरफ औरंगाबाद का नाम जिस मुग़ल शासक औरंगजेब के नाम पर पड़ा, उस औरंगजेब की कब्र को लेकर राजनीति जोरों पर है। वहीं अब इस शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी के नाम पर संभाजीनगर करने की मांग फिर से उठी है।
महाराष्ट्र में 2022 में ही मुम्बई, नई मुम्बई, औरंगाबाद, कोल्हापुर, सोलापुर, पुणे, ठाणे, कल्याण जैसे डेढ़ दर्जन बड़े शहरों के महानगरपालिका के चुनाव सितंबर या अक्टूबर में हो सकते हैं। चुनाव कब होंगे, इसकी घोषणा होनी बाकी है पर अभी से राज्य की सियासत में गर्मी बढ़ने लगी है।
नाम बदलने का मसला काफी पुराना, स्थानीय चुनाव करीब आने पर फिर गरमाया मुद्दा
औरंगाबाद की बात करें तो यह शहर मराठवाड़ा की राजधानी कहलाता है। औरंगाबाद महानगर पालिका में सत्ता पर शिवसेना विराजमान थी। अब प्रशासक काम देख रहे हैं।
औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजी के नाम पर संभाजीनगर करने का मुद्दा वैसे काफी पुराना है। समय समय पर ये मांग उठती रही है पर चूंकि औरंगाबाद महानगरपालिका का चुनाव सामने है, जिस कारण फिर यह मुद्दा गरमाता जा रहा है।
एक तरफ बीजेपी और राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस ने औरंगाबाद में औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकने की मांग तेज की है, वही हिंदुत्व के मुद्दे पर घिरती शिवसेना ने औरंगाबाद के एयरपोर्ट के नामकरण का मुद्दा उठाकर हिंदुत्व के मुद्दे पर हो रही किरकिरी कम करने की कोशिश की है।
सिंधिया से मिलकर की औरंगाबाद एअरपार्ट का नाम बदलने की मांग
शिवसेना ने सीनियर लीडर और कैबिनेट मंत्री सुभाष देसाई ने काल ही में दिल्ली में केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर मांग की है कि औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम बदल कर संभाजीनगर एयरपोर्ट किया जाए। शिवसेना के इस राजनीतिक पैंतरे के बाद बीजेपी ने सिर्फ एयरपोर्ट नहीं, बल्कि शहर का नाम बदलने की मांग की। साथ ही शिवसेना पर हमला बोला कि कांग्रेस एनसीपी के दबाव में शिवसेना ये नहीं कर पायेगी।


