रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है और इसके बाद वहां मौजूद भारतीयों के परिजनों की परेशानी बढ़ती जा रही है. झुंझुनूं जिले के मेडिकल स्टूडेंट्स के परिवारजनों को अपने बच्चों की चिंताएं लगातार सता रही हैं. इसी बीच ऑपरेशन गंगा मिशन के तहत झुंझुनूं के 5 स्टूडेंट्स सोमवार को स्वदेश लौटे.
हर तरफ बम धमाकों की आवाज
इस दौरान स्टूडेंट्स का जिले की सीमा पर समाजसेवी पवन आलड़िया के नेतृत्व में स्वागत किया गया. इनमें से चार स्टूडेंट्स सीधा झुंझुनूं पहुंचे तो एक स्टूडेंट उदयपुरवाटी पहुंचा. स्टूडेंट्स ने बताया कि वहां का मंजर बड़ा भयानक है. उस मंजर को कभी नहीं भूल पाएंगे. वहां रह-रह कर बम धमाकों की आवाज सुनाई दे रही थी.
स्टूडेंट्स जान बचाने के लिए सायरन की आवाज के साथ बंकरों में छिप रहे हैं. स्टूडेंट्स ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से ही उनकी सुरक्षित वतन वापसी हुई है. उन्होंने राज्य सरकार का भी आभार जताते हुए कहा कि उनको घर तक भेजने के लिए राज्य सरकार ने सुविधा मुहैया करवाई है.
यूक्रेनी नहीं कर रहे भारतीयों की मदद
स्टूडेंट्स ने बताया कि यूक्रेन के लोग भारतीय छात्रों की मदद नहीं कर रहे हैं. वहां के हालात बड़े विकट हैं. सायरनों की आवाजों के बीच स्टूडेंट्स बंकरों में जाकर छुप रहे हैं. रोमानिया बॉर्डर पर वतन वापसी को लेकर स्टूडेंट्स का जमावड़ा है. मगर संसाधनों के अभाव में स्टूडेंट्स की वतन वापसी नहीं हो रही है.
यूक्रेन के नागरिक अपनों की मदद ज्यादा कर रहे हैं, जो भारतीय छात्रों को खासा अखर रहा है. झुंझुनूं के चनाना के स्टूडेंट कुणाल ने बताया कि रोमानिया सीमा पर पहुंचने पर रोमानिया के लोगों द्वारा उनकी मदद की गई. उन्हें शेल्टर होम पहुंचाया गया. साथ ही भारतीय छात्रों को खाना भी मुहैया करवाया गया. स्टूडेंट्स ने बताया कि कीव शहर में लगातार बमबारी जारी है. स्टूडेंट्स एडवाइजरी के अनुसार रह रहे हैं. खाने-पीने की समस्याओं का अभाव है. लेकिन जीवन बचाने की जद्दोजहद में स्टूडेंट्स को एक ही चिंता सता रही है कि कैसे भी करके उनकी वतन वापसी हो.
रोमानिया बॉर्डर पर अच्छे इंतजाम
झुंझुनूं शहर के जतिन ने बताया कि खार्किया और कीव शहर में लगातार बमबारी जारी है. भारतीय दूतावास के पास इतना स्टाफ नहीं है कि वह स्टूडेंट्स की पूरी तरीके से मदद कर सके. लगातार स्टूडेंट्स के वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें उनके साथ मारपीट सहित अन्य घटनाएं की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन के लोगों की डिप्लोमेसी रही है कि वह अपने वालों को ज्यादा वरीयता देते हैं और इसी के कारण वहां स्टूडेंट्स को ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि रोमानिया बॉर्डर का माहौल अच्छा है. वहां लोग मदद कर रहे हैं.


