भारत को कोरोना महामारी से निपटने के लिए जल्द ही एक और वैक्सीन मिलने वाली है। यह वैक्सीन (कोरोना वैक्सीन) नाक से एक बूंद के रूप में दी जा सकती है।
नई दिल्ली: भारत को कोरोना महामारी से निपटने के लिए जल्द ही एक और वैक्सीन मिलने जा रही है. यह वैक्सीन (कोरोना वैक्सीन) नाक से एक बूंद के रूप में दी जा सकती है।
भारत बायोटेक विकसित कर रहा है वैक्सीन
जानकारी के मुताबिक इस वैक्सीन को भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया जा रहा है। कंपनी को इस वैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है। क्लीनिकल ट्रायल के लिए नियामकीय मंजूरी मिल गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि इस दवा के पहले चरण का परीक्षण 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों पर किया गया था। जो पूरी तरह से सफल रहा है।
नाक का पहला टीका
डीबीटी ने कहा, ‘भारत बायोटेक की ओर से नाक के जरिए दिया जाने वाला यह पहला नाक का टीका है। जिसे फेज टू ट्रायल के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल मिल गया है। इसके साथ ही डीबीटी ने एक बयान में कहा था कि कंपनी को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। यह पहली ऐसी कोरोना वैक्सीन है, जिसे भारत में इंसानों पर आजमाया जाएगा। कंपनी को इसकी तकनीक सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से मिली है।
पहले चरण में कोई साइड इफेक्ट नहीं
डीबीटी ने कहा, ‘कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के परीक्षण में शामिल लोगों के शरीर ने टीकों की खुराक को आसानी से स्वीकार कर लिया। कहीं से कोई साइड इफेक्ट ज्ञात नहीं है।’ पहले के अध्ययनों में भी वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया है। डीबीटी ने कहा कि जानवरों पर किए गए अध्ययन में यह वैक्सीन उच्च स्तर की एंटीबॉडी बनाने में सफल रही।


