स्वप्ना ने जब अपनी मुश्किलें रत्ना को बताईं तो रत्ना ने कहा कि वह एक अध्यात्मिक केंद्र और बाबा को जानती थी, जो उसकी मदद कर सकते थे. स्वप्ना ने उस केंद्र को ज्वाइन किया और कुछ ही दिनों में वह बाबा की भक्त हो गई. तब उसे केंद्र की एक स्कीम के बारे में पता चला जिसमें भक्तों की लगाई रकम सौ गुनी हो सकती थी. तब, उसे यह नहीं पता था कि इस स्कीम में जुड़ना उसकी बड़ी गलती साबित होगी, लेकिन इसी गलती से एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश भी होगा.
हैदराबाद से सटे तेलंगाना के रचकोंडा में रहने वाली स्वप्ना के जीवन में कुछ मुश्किलात ऐसी बन गई थीं कि वह मानसिक रूप से खुद को ठीक महसूस नहीं कर पा रही थी. उसने कई तरह के उपाय किए थे. इसी बीच, साल 2017 के आखिरी महीनों में उसने जब अपनी परेशानी सहेली रत्ना ने साझा की तो रत्ना ने उसे एक आश्रम और बाबा के बारे में बताया.
रत्ना : तुम मेरी मानो तो अद्वैत आश्रम ज्वाइन कर लो. वहां बाबाजी प्रवचन देते हैं और कई लोगों को शांति महसूस होती है.
स्वप्ना : तुम्हें लगता है कि इससे कुछ फायदा होगा?
रत्ना : हां. कई लोगों को कई तरह की तकलीफों में फायदा होते हुए देखा है मैंने.
स्वप्ना : लेकिन, मेरे और भी कई काम हैं… अच्छा चलो, तुम कहती हो तो कुछ वक्त ये भी करके देखती हूं.
अब स्वप्ना रचकोंडा में ही अद्वैत स्पिरिचुअल रिचार्ज सेंटर जाने लगी और देखते ही देखते वह बाबा गिरीश के प्रवचनों से प्रभावित हो गई. कुछ ही दिन हुए थे कि वहां काम करने वाले और आने—जाने वाले भक्तों से स्वप्ना को एक स्कीम के बारे में पता चला. उसने इस बारे में रत्ना से बातचीत की तो रत्ना ने उसकी सीधी बात बाबा गिरीश से करवाई. बाबा ने पूरी स्कीम समझाई.
बाबा : सब ईश्वर की माया है बेटा. हम तो बस भक्तों की खुशहाली चाहते हैं. हमने भक्तों का पैसा कई जगह लगाया है ताकि हम सेवा कर सकें. ये एक बहुत ही अच्छी स्कीम है बेटा. इसमें अगर आप एक लाख रुपये दोगे तो आपको एक करोड़ रुपये वापस मिलेंगे और वो भी 4 से 6 महीनों के अंदर.
स्वप्ना : लेकिन, बाबा ऐसा कौन सा तरीका है जिसमें इतनी जल्दी इतना पैसा बन सकता है?
बाबा : अब इसका क्या जवाब है! कहते हैं कि ये तकनीक का ज़माना है. सब कुछ बड़ा तेज़ हो गया है. हमारे आश्रम के किसी हितैषी भक्त ने इस आश्रम और भक्तों के लाभ के लिए ये स्कीम तैयार की है.
फिर बाबा गिरीश और उसके भक्तों ने मिलकर स्कीम समझाई. गिरीश ने ड्रीम बर्ड्ज़ सोशल ट्रेडिंग कंपनी शुरू की थी. इसमें वेबसाइट पर सदस्यता के लिए यूज़र को 1100 से लेकर 66 हज़ार रुपये तक देना होते थे. फिर वेबसाइट यूज़र को रोज़ कुछ विज्ञापनों को देखकर उन पर क्लिक करना होता था. हर यूज़र को दो और ऐसे ही यूज़र बनाने होते थे. इसी तरह सदस्य यूज़रों के लिए टारगेट थे. अगर कोई यूज़र इस स्कीम में और यूज़रों को जोड़ने के 10वें लेवल तक पहुंच जाता था तो छह महीने के भीतर 1 लाख के बदले 1 करोड़ रुपये तक मिल सकते थे.
यह स्कीम स्वप्ना को समझ में आई और उसने सोचा कि उसके पास काफी रुपया है जो किसी काम नहीं आ रहा है. इसके अलावा उसके सोशल कॉंटैक्ट्स भी काफी अच्छे थे इसलिए उसने इस स्कीम में पैसा लगाने का मन बना लिया. इस स्कीम में जुड़ने के लिए रत्ना भी उसे बार—बार ज़ोर दे रही थी. रत्ना के ज़रिये ही कुछ समय में स्वप्ना ने इस स्कीम में पौने 22 लाख रुपये से भी ज़्यादा लगा दिए थे.
अब होने वाला था गलती का एहसास
अब स्वप्ना वेबसाइट पर बताया हुआ काम कर रही थी और इंतज़ार कर रही थी कि कब मीयाद पूरी हो और उसकी रकम वापस मिले. जैसे ही चार छह महीने होने को आए, स्वप्ना को पता चला कि बाबा गिरीश अब इस केंद्र पर नहीं था. उसके भक्त कहते थे कि वह किसी और केंद्र पर प्रवचन करने लगा था. स्वप्ना को दिलासे दिए जा रहे थे कि उसकी रकम बढ़कर जल्द वापस मिलेगी लेकिन बस, वक्त गुज़र रहा था. धीरे—धीरे उस केंद्र में उसकी सुनवाई होना भी बंद हो गई.
अब रत्ना से भी उसका कॉंटैक्ट होने में मुश्किल होने लगी थी. स्वप्ना को ऐसा लगा कि जैसे उसके साथ कोई बड़ा धोखा हो रहा था. उसने इनवेस्टमेंट के करीब एक साल बाद रचकोंडा में पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच में पूरी कहानी बताकर शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने तफ्तीश की और बीते दिसंबर के आखिरी हफ्ते में बाबा गिरीश और उसके सौतेले भाई दिलीप को गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी और तफ्तीश में गिरीश और दिलीप की जालसाज़ी की पूरी कहानी का पर्दाफाश हुआ.
शिष्या के साथ शादी में पानी की तरह बहाया पैसा
स्वप्ना की तरह ही कई लोग इस पूरे घोटाले में शिकार हुए थे. गिरीश और दिलीप ने आध्यात्मिक छवि का झांसा देते हुए लोगों से करीब 60 करोड़ रुपये की रकम ऐंठी थी और दोनों इस रकम को अपनी अय्याशियों में उड़ा रहे थे. पुलिस ने जब इन्हें गिरफ्तार किया तो इनके पास से तीन बड़ी कारों के अलावा एक जगुआर कार भी बरामद हुई. इसके साथ ही कई पासपोर्ट और महंगे मोबाइल फोन भी.
पुलिस को यह भी पता चला कि गिरीश ने इस जालसाज़ी से जो रकम ऐंठी थी, उसी के बल पर हैदराबाद में शानो—शौकत के साथ शादी की जिसमें रुपया पानी की तरह बहाया गया. यह भी चौंकाने वाली बात थी कि गिरीश ने उस लड़की से शादी की थी जिसे आध्यात्मिक केंद्र में वह अपनी शिष्या और भक्त की तरह प्रचारित करता था.
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गिरीश ने दिलीप के साथ मिलकर कई तरह के धंधों में पैसा लगाया हुआ था. सोशल ट्रेडिंग, मल्टी लेवल डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल वॉलेट, ई—कॉमर्स पोर्टल के साथ ही एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में भी उसका पैसा लगा था. साथ ही, बिटकॉइन बिज़नेस में जी—कॉइन यानी गिरीश कॉइन के नाम से भी उसने धंधा किया हुआ था. इनमें से कई कंपनियां दिखावे के लिए थीं ताकि लोगों को झांसा दिया जा सके.
(यह कहानी मीडिया में आई खबरों पर आधारित है.)
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