World wide City Live, पंजाब : पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गुरुवार को होशियारपुर का लाचोवाल टोल प्लाज बंद कराया। उन्होंने इस मामले में दस्तावेज साथ रख कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। CM ने बताया लाचोवाल टोल प्लाजा के अधीन 27.90 किमी की सड़क थी।
पंजाब सरकार ने लोगों के टैक्स से इस सड़क को 7.76 करोड़ रुपए में बनाया, लेकिन 6 मार्च 2007 से 14 दिसंबर 2022 तक करीब 15 वर्ष के मेंटेनेंस का ठेका पीडी अग्रवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक कंपनी को दे दिया।
रोजाना की कलेक्शन 1.94 लाख रुपए
CM मान ने बताया कि इस टोल की रोजाना की कलेक्शन 1.94 लाख रुपए है, जो प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपए बनती है। अब लोगों का यह पैसा आज से ही बचने लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पौने 8 करोड़ में सड़क बनाकर निजी कंपनी को 7 करोड़ प्रति वर्ष के हिसाब से 15 साल का ठेका देने पर यह राशि 105 करोड़ रुपए बनती है, लेकिन कंपनी द्वारा एग्रीमेंट की कोई शर्त पूरी नहीं की गई। सड़क की मेंटेनेंस तक नहीं की गई।
कंपनी ने निजी बैंक खाते में पैसे जमा कराए
CM ने बताया कि एसप्रो एग्रीमेंट के अनुसार सरकार को बताए बिना कंपनी ने एक निजी बैंक खाते में पैसे जमा कराए। इस प्रकार सरकार से धोखाधड़ी की गई है। मान ने कहा कि साल 2007 से 2017 तक 10 शिअद की सरकार रही। साल 2017 के बाद कांग्रेस की कैप्टन सरकार रही, लेकिन किसी सरकार द्वारा इस कंपनी से एग्रीमेंट की शर्तें पूरी नहीं करने पर समझौता कैंसिल करने के बारे नहीं पूछा गया।
कानूनी सलाह पर कराया केस दर्ज
CM मान ने बताया कि पंजाब सरकार ने AG से सलाह लेकर कंपनी पर धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा और पैसे भी रिकवर किए जाएंगे।
502 दिन की मांगी एक्सटेंशन
CM भगवंत मान ने कहा कि 6 मार्च 2007 से 14 दिसंबर 2022 तक का कंपनी से किया गया एग्रीमेंट बीती रात पूरा हो गया। जबकि कंपनी द्वारा दोबारा सरकार से 502 दिन की अतिरिक्त एक्सटेंशन मांगी है। कंपनी ने इसका आधार किसान आंदोलन और कोरोना की महामारी के कारण नुकसान होना बताया।
मेंटेनेंस की नहीं तो नुकसान किस चीज का हुआ
CM ने कहा कि जब सड़क सरकार ने बनाकर दी, कंपनी ने पैसे इकट्ठे करने के अलावा मेंटेनेंस की नहीं तो नुकसान किस चीज का हुआ। मान ने कहा कि यदि 522 दिन की एक्सटेंशन दी जाती है तो इस हिसाब से 11 करोड़ रुपए राशि बनती है। जबकि उन्हें ऐसी कंपनियों और सरकारों से पंजाब के 1-1 रुपए का हिसाब लेना है।


