World wide City Live, जालंधर (आँचल) : नगर निगम चुनाव से पहले करवाई जा रही वार्डबंदी का काम लटक गया है। सर्वे पूरा होने के एक महीने बाद भी डाटा कंपाइल करने का काम पहले चरण में ही है। अभी तक सिर्फ 20 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। डाटा कंपाइल करने में एक महीने का समय और लग सकता है। इस वजह से नगर निगम चुनाव समय पर होते नजर नहीं आ रहे हैं।
नगर निगम की प्रोजेक्ट इंचार्ज डा. निर्मलजीत कौर ने बताया कि अभी तक 17 वार्डों का डाटा ही कंपाइल हो पाया है। इसके अलावा शहर में शामिल हुए 11 गांवों में से करीब चार गांव का डाटा अपडेट किया है। बाकी काम लंबित है और इसे पूरा करने में एक महीने का समय लग सकता है। डाटा कंपाइल होने के बाद ही वार्डबंदी शुरू हो पाएगी। डाटा के आधार पर ही वार्डों के इलाके तय होंगे और इन्हीं के मुताबिक वार्डों का आरक्षण होना है। जब तक डाटा तैयार नहीं होगा तब तक शहर की वार्डबंदी का नया नक्शा बनाना भी संभव नहीं हो पाएगा।
शहर की कुल आबादी और इलाका स्तर पर जनरल आबादी, शेड्यूल कास्ट, बैकवर्ड क्लास की आबादी जब तक पता तक नहीं लगेगी, तब तक वार्डबंदी का बेस तैयार नहीं हो पाएगा। डाटा कंपाइल होने के बाद ही आबादी के हिसाब से अलग-अलग ब्लाक तैयार किए जाएंगे और उसी के आधार पर पता चलेगा कि किस इलाके में कितनी शेड्यूल कास्ट वोट हैं।
कर्मचारियों को नहीं मिला तीन महीने का वेतन
पुराने वार्डों में 15 हजार से ज्यादा वोट, कांट-छांट हाेगी
मौजूदा समय में शहर में 80 वार्ड हैं, लेकिन कैंट के 11 नए गांव निगम की हद में आने के बाद वार्डबंदी जरूरी हो गई थी। अब शहर में 85 वार्ड होंगे। पिछले तीन महीने में सर्वे का काम ही बड़ी मुश्किल से पूरा हुआ है। पुराने समय के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां पर वोटों की गिनती 15000 से अधिक हो चुकी है और नियमों के तहत इन्हें छोटा करने की जरूरत है।
नए सर्वे के मुताबिक शहर में करीब 10.60 लाख की आबादी सामने आ रही है। इसके हिसाब से हर वार्ड में करीब 12000 की आबादी होगी और 8000 से 9000 के बीच में वोटर होंगे। डाटा कंपाइल होने के बाद इसी के आधार पर वोटर लिस्ट भी तैयार होगी और फइर चुनाव होंगे।
25 जनवरी से पहले चुनाव कराना टेढ़ी खीर
नगर निगम का मौजूदा हाउस 25 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है। इससे पहले नगर निगम चुनाव करवाना जरूरी है, लेकिन जो स्थिति है उससे यह संभव नजर नहीं आ रहा है। अमृतसर व लुधियाना में स्थिति इससे भी ज्यादा खराब है। ऐसे में चुनाव में देरी में होना तय है।


