नई दिल्ली. कॉफी की पैदावार (Coffee Production) ज्यादा होने से इस समय इसकी कीमतों में नरमी का दबाव पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए इसकी खपत बढ़ाने जैसे कदम उठाने होंगे. वहीं, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि कॉफी उद्योग में होने वाले फायदे में किसानों को भी हिस्सेदार बनाना चाहिए. गोयल ने कहा कि कॉफी के प्रत्येक कप की कीमत एक रुपया अधिक की जा सकता है और इससे किसानों के कल्याण के लिए खर्च किया जा सकता है. इससे कॉफी किसानों और उनके परिजनों के जीवन स्तर में सुधार होगा.
उन्होंने कांफ्रेंस के आयोजन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि भारत के कॉफी उद्योग के लिए बड़ा अवसर है जिसका पूरा लाभ उठाया जाएगा. बेंगलुरु में होने वाली कॉफी कांफ्रेंस में 76 देशों के 1000 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इनमें कॉफी किसान, निर्यातक, सरकारी-निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि और अंतरराष्ट्रीय संस्थान हिस्सा लेंगे.
वाणिज्य सचिव (Commerce Secretary) अनूप वाधवान ने मंगलवार को यह बात कही. वाधवान ने कहा कि दुनिया के कॉफी व्यापार (Coffee Business) में भारत की छोटी ही सही लेकिन अहम भूमिका है. एक प्राथमिक उत्पाद के चलते यह हमेशा कीमतों के दबाव का सामना करने वाली जिंस (Commodity) है. इससे उत्पादन की विविधता प्रभावित होती है.
ज्यादा उत्पादन का कीमतों पर दबाव-उन्होंने कहा, आज हम दुनिया में अधिक उत्पादन (कॉफी) की स्थिति का सामना कर रहे हैं. उत्पादन अधिक होने का असर कीमतों में दबाव के रूप में देखने को मिल रहा है. कृषि क्षेत्र के अन्य प्राथमिक उत्पादों की तरह इस क्षेत्र में भी अधिक उत्पादन हमेशा वरदान नहीं होता. वह यहां कॉफी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू और वैश्विक स्तर की चुनौतियों से वाकिफ है. कॉफी बोर्ड जैसे कई संगठन इससे प्रक्रियाबद्ध तरीके से निपटने का काम कर रहे हैं.
इसी कार्यक्रम में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कॉफी बोर्ड को भारतीय कॉफी को दुनिया में पहचाने जाने वाला ब्रांड बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.
सचिव वाधवान ने कहा कि किसान सबसे अधिक दबाव में रहता है. हमें किसान को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत है और इसका एक तरीका यह है कि मूल्यवर्द्धन श्रृंखला को उसके पास ले जाया जाए. इसके अलावा एक और चीज हमें इसका उपभोग बढ़ाने के बारे में जागरुकता पैदा करने की है. यह अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने में मदद करेगा. भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक और निर्यातक है. भारत बेंगलुरू में विश्व कॉफी सम्मेलन और प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा.
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