लोकतंत्र के मामले में हमें किसी से सीखने की जरूरत नहीं’, संयुक्त राष्ट्र में भारत ने दिया जवाब

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World wide City Live, नई दिल्ली : भारत जी-20 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सहित विश्व के बड़े देशों की सूची में जगह बना रहा है। देश विश्व की कठिनाइयों का समाधान लाने के लिए तैयार है और इसके लिए हमेशा तत्पर रहा है। यह बात यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कही। उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना काल हो या कोई भी वैश्विक समस्या भारत कभी दुनिया की मदद के लिए पीछे नहीं रहा है।

भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल के जवाब में रुचिरा कंबोज ने कहा, “हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर क्या करना है।” भारत शायद दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है जैसा कि आप सभी जानते हैं। भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल पहले से थीं, हम हमेशा से लोकतंत्र थे।

UNSC में भारत स्थायी सीट का हकदार

जब यूएनएससी सुधारों और सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के बारे में पूछा गया, तो कंबोज ने कहा कि भारत एक ऐसे देश के रूप में विश्व के बड़े देशों में शुमार हो रहा है जो सबके लिए समाधान लाने को तैयार है। हमारी विदेश नीति का केंद्रीय सिद्धांत मानव-केंद्रित है और वही रहेगा।

कंबोज ने कहा कि भारत यूएनएससी में लंबे समय से लंबित सुधारों के लिए अग्रणी आवाजों में से एक रहा है और इसलिए यह निश्चित रूप से स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र के उच्चतम स्तर पर एक पद का हकदार है। बता दें कि सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन के प्रस्ताव को लगभग दो दशकों से अधिक समय हो गया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में गतिरोध का सामना करना पड़ा है। फिलहाल सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य हैं और 10 दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए हैं।

 

 

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