World wide City Live, लुधियाना : जब भी कहीं सड़क दुर्घटना होती है तो उसमें घायल होने वाले लोगों के लिए पहला एक घंटा गोल्डन आवर माना जाता है। इसका मतलब यह है कि घायल को अगर उस एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो 80 प्रतिशत मामलों में उनकी जान बचाई जा सकती है। कई बार लोग कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए सड़क हादसों में घायलों की मदद करने से बचते हैं।
लोग मदद के लिए आगे आएं इसके लिए केंद्र सरकार ने गुड समारिटन योजना भी शुरू की है। इसके तहत घायल को हादसे के एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने वाले को पांच हजार रुपये नकद राशि से पुरस्कृत करने का प्रविधान है। विडंबना देखिए लुधियाना में गुड समारिटन योजना के बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है। आज तक जिला प्रशासन ने एक भी मददगार को प्रोत्साहित नहीं किया है।
ऐसा नहीं है कि लोग घायलों की मदद नहीं करते हैं। लुधियाना जिले में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर लोगों ने खुद अपने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया है और उनकी जान बचाई है। जिले में प्रशासन ने आज तक घायलों की मदद करने वाले एक भी व्यक्ति को गुड समारिटन योजना के तहत प्रोत्साहित नहीं किया है।
इस महत्वकांक्षी योजना को भी सरकारी तंत्र की पेचीदगियों ने घेर लिया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने वाले जिम्मेदारों का कहना है कि इस योजना के तहत जिले में किसी ने अब तक आवेदन ही नहीं किया है। इसमें बड़ा सवाल यह है कि जिस योजना का लोगों को पता ही नहीं है, वहां कोई आवेदन कैसे करेगा।


