World wide city live : पंजाब के जिला लुधियाना में पॉल्यूशन थमने का नाम नहीं ले रहा। IQAIR 2022 की वार्षिक रिपोर्ट मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 (वायु प्रदूषक) मूल्य में दुनिया के शहरों में लुधियाना 19 नंबर नीचे गिर गया है, लेकिन स्विस स्थित वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी (IQAIR) की रिपोर्ट में लुधियाना देश के शीर्ष 50 प्रदूषित शहरों में बना हुआ है।
ग्लोबल स्तर पर 39 भारतीय शहर प्रदूषित
बता दें दुनिया में महानगर पॉल्यूशन में 60वें नंबर पर है। वहीं भारत में 46वें स्थान पर है। IQAIR द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट 131 देशों, क्षेत्रों और क्षेत्रों के 7,323 शहरों से PM 2.5 वायु गुणवत्ता डेटा (वर्ष 2022 का) को पेश करती है। ग्लोबल स्तर पर शीर्ष 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 39 शहर भारतीय हैं।
2022 के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में लुधियाना ने वार्षिक औसत पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 मान 60.7 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब (µg/m3) दर्ज किया, जिससे यह दुनिया के शहरों के बीच 60वें स्थान पर रहा है। वहीं 2021 की यदि बात करें तो लुधियाना के लिए वार्षिक औसत वर्ष पीएम 2.5 का मान 71.8 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब (µg/m3) था, जिसने इसे दुनिया के शहरों के बीच 41वां स्थान हासिल किया था।
रिपोर्ट बताती है कि वार्षिक औसत PM 2.5 मान 60.7 µg/m3 के साथ, लुधियाना देश के प्रदूषित शहरों में 46वें स्थान पर है। इसलिए 2021 की तुलना में, देश के प्रदूषित शहरों में शहर की रैंकिंग में 17 स्थानों की गिरावट दर्ज की गई है। क्योंकि यह 2021 में भारतीय शहरों में 29वें स्थान पर था। सूची में पंजाब के 11 शहरों में लुधियाना पांचवें स्थान पर था। जबकि फतेहगढ़ साहिब में लोहार माजरा कलां पहले नंबर पर, फरीदकोट दूसरे नंबर पर रहा। वहीं बठिंडा राज्य में सबसे नीचे रहा।
2020 में, लुधियाना दुनिया के शहरों में पीएम 2.5 मान 45.2 µg/m3 के साथ 142वें स्थान पर था। पंजाब के शहरों में लुधियाना पांचवें और श्री फतेहगढ़ साहिब पहले नंबर पर रहा। लुधियाना 2018 में 95वें और 2019 में 127वें स्थान पर था।
आंकड़ों के मुताबिक, लुधियाना में वार्षिक औसत पीएम 2.5 2018 में 55.1 µg/m3 था, जो 2019 में घटकर 49.3 µg/m3, 2020 में 45.2 µg/m3 हो गया। 2021 में यह 71.8 था जो साल 2018 के बाद सबसे ज्यादा था।
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर हाई
विशेषज्ञों ने कहा कि भले ही लुधियाना दुनिया के प्रदूषित शहरों में 19 स्थानों पर आ गया है, जहां तक वार्षिक औसत पीएम 2.5 का सवाल है तो शहर में वायु प्रदूषण का स्तर उच्च बना हुआ है। ग्रीनपीस इंडिया के अभियान प्रबंधक अविनाश ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना में वार्षिक औसत पीएम 2.5 मूल्य निर्धारित विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक (पीएम 2.5 मूल्य 5 µg/m3) से अधिक है।
10 गुना से अधिक हो गया है और एक महीना भी ऐसा नहीं हुआ है जब यह WHO के मानक पर खरा उतरा हो। उन्होंने कहा कि इतना उच्च वार्षिक औसत पीएम 2.5 मान मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए समस्या पैदा करता है और श्वसन प्रणाली, हृदय और मानसिक स्वास्थ्य आदि को प्रभावित करता है।
इस बीच, लुधियाना के लिए औसत मासिक पीएम 2.5 मान बताता है कि शहर में नवंबर महीने में सबसे अधिक प्रदूषण 102.7 µg/m3 देखा गया, जबकि अगस्त महीने में इस तरह का न्यूनतम स्तर 30.7 दर्ज किया गया था। अविनाश ने सुझाव दिया कि नवंबर और दिसंबर में पराली जलाना ऐसे मासिक पीएम 2.5 मूल्यों के लिए कारक प्रतीत होता है, जबकि अन्य महीनों के साथ-साथ महानगर में हो रहे निर्माम कार्य और वाहनों के धुएं से भी पॉल्यूशन बढ़ रहा है।
शहर- रैंक
लोहार माजरा कलां- 30
फरीदकोट- 33
श्री फतेहगढ़ साहिब- 34
मोहाली- 40
लुधियाना- 46
पटियाला- 56
अमृतसर- 71
सलौंदी- 75
दबुर्जी- 77
जालंधर- 83
बठिंडा- 141


