World wide City Live, जालंधर (आंचल) : पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन की तरफ से एक बार फिर से सरकार के खिलाफ तीखा संघर्ष शुरू करने की चेतावनी दी गई है। सूबे के सभी पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के 27 डिपो में गेट रैली कर सरकार के खिलाफ संघर्ष किया गया।
सूबा प्रधान रेशम सिंह गिल ने बताया कि पिछले लंबे समय से यूनियन की तरफ से मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री सहित ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी और डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट के साथ लगातार मीटिंगें की गईं लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर समय निकाला जा रहा है।
कच्चे मुलाजिमों की मांगों को अब तक पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ ठेकेदार की तरफ से कमिशन के रूप में 20-25 करोड़ रुपए विभाग को वार्षिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है दूसरी ओर सरकार इस वित्तीय घाटे को रोकने के बजाय और नुकसान पहुंचा रही है।
उन्होंने कहा कि पनबस व पीआरटीसी में किलोमीटर स्कीम के अधीन बसों को शामिल कर दोबारा से बड़े प्राईवेट घरानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। 1 बस का प्राइवेट मालिकों से प्रति महीना 1 लाख रुपए से ज्यादा की लूट होना तय है। जबकि इस रेवेन्यू पर सिर्फ सरकारी बसों का हक है। उन्होंने कहा कि 1 अक्तूबर से 5 फीसदी सैलरी बढ़ौतरी और इंक्रीमेंट भी नहीं लागू किया जा रहा है।
अवैध कंडीशन रिपोर्ट लगाकर मुलाजिमों को बहाल नहीं किया जा रहा है। पंजाब की जनसंख्या के मुताबिक बसों की संख्या करीब 10 हजार की जाए। समस्या से अवगत होने के बावजूद सरकार ने अभी तक रोडवेज की बेहतरी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों यूनियन की तरफ से किए संघर्ष के बाद खरड़ प्रशासन की तरफ से 24 नवंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ मीटिंग करवाने के लिए लिखित में दिया था पर अभी तक ट्रांसपोर्ट मंत्री की तरफ से मीटिंग नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब के लोगों की मुश्किलों को दरकिनार कर गुजरात के चुनाव पर फोकस बनाए हुए है। अगर 7 दिनों के अंदर मांगों को लेकर लिखित में भरोसा नहीं दिया तो दोबारा से संघर्ष शुरू किया जाएगा। इस मौके यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे।


