World wide City Live, नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी छह हत्यारे शुक्रवार को रिहा हो गए। रविचंद्रन और नलिनी श्रीहरन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला दिया और फैसले के चंद घंटे बाद ही सभी हत्यारे जेल से रिहा भी कर दिए गए। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गलत बताया है। 29 साल बाद जेल से छूटी नलिनी ने कहा कि मैं जानती हूं कि मैं आतंकवादी नहीं हूं। मैं इतने सालों से जेल में सड़ रही थी। जिन लोगों ने साथ दिया, उनका शुक्रिया करती हूं।
मैं तमिलनाडु के लोगों और वकीलों को मुझपर भरोसा रखने के लिए धन्यवाद देती हूं। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने बताया था कि वह राजीव गांधी हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पूर्व रिहाई के पक्ष में है। मद्रास हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बैंच ने एक अन्य दोषी एजी पेरिवलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाया। 18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पेरिवलन की रिहाई के आदेश दिए थे।
गौर हो कि श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, एजी पेरिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को उम्रकैद की सजा हुई थी। पेरिवलन को 30 साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद रिहा किया गया। नलिनी और रविचंद्रन, दोनों ही पिछले साल 27 दिसंबर से पैरोल पर हैं। उधर, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर असंतोष जताया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अन्य हत्यारों को मुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है।


