World wide City Live, पंजाब (आँचल) : पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब की शहादत की शताब्दी का कार्यक्रम रविवार को पाकिस्तान में मनाया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) व पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) की ओर से संयुक्त रूप से मनाए गए इस कार्यक्रम में पहुंचे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि श्री पंजा साहिब के शहीद राष्ट्रीय मान्यताओं के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दी।
उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के बाद श्री पंजा साहिब समेत कई गुरुधाम पाकिस्तान में छूट गए। इनके प्रति सिखों का गहरा सम्मान और आस्था है। भारत-पाकिस्तान की सरकारों को सिखों को गुरुद्वारों में जाने के लिए मौके पर ही वीजा देने की व्यवस्था करनी चाहिए। दोनों देशों के बीच ट्रेन सेवा को बहाल किया जाए। रेल बंद होने से तीर्थयात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने पाकिस्तान में बंदी सिखों की रिहाई का उल्लेख भी किया।
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सिखों का यह संघर्ष इतिहास में अमूल्य है। सौ साल पहले भाई करम सिंह और भाई प्रताप सिंह सहित अन्य सिख शहीदों के पदचिन्ह सभी का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह के दौरान शिरोमणि समिति के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के वीजा काट दिए गए, जिससे काफी परेशानी हुई। उन्होंने मांग की कि तीर्थयात्रियों के लिए लंबी अवधि के वीजा की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इस मौके पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कमेटी के अध्यक्ष आमिर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों को महत्व देती है और उनके मामलों पर विशेष ध्यान देती है। यहां सभी धर्मों के लोग समान हैं और सभी धार्मिक मान्यताओं व स्थानों का सम्मान किया जाता है।
इस अवसर पर सिंह साहिब ज्ञानी गुरमिंदर सिंह, ज्ञानी मलकीत सिंह, गोबिंद सिंह लोंगोवाल, ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह, मनजीत सिंह, मगविंदर सिंह, बलदेव सिंह कैमपुर, सुखवर्ष सिंह पन्नू, अमरजीत सिंह भालियापुर, कुलवंत सिंह, रंजीत सिंह काहलों, परमजीत सिंह खालसा, परमजीत सिंह रायपुर, गुरिंदर कौर भोलूवाल, जसपाल कौर, जरनैल सिंह डोगरांवाला उपस्थित थे।


