पहाड़ी इलाकों में कम तजुर्बा बनी केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश की वजह! पिछले महीने ही पायलट को किया गया था शिफ्ट

The reason for the helicopter crash in Kedarnath became less experience in the hilly areas! The pilot was shifted last month only

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 उत्तराखंड (Uttrakhand) के केदारनाथ धाम (Kedarnath) के पास बीते दिन (18 अक्टूबर) एक हेलिकॉप्टर क्रैश (Helicoter Crash) हुआ और इसमें सवार पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई. इस मामले को लेकर एक और बड़ी बात सामने आई है.

इस हादसे और पवन हंस हेलीकॉप्टर हादसे में कई समानताएं देखी गई हैं. दोनों ही दुर्घटनाओं में वरिष्ठ पायलट शामिल थे, जिन्हें हाल ही में नए तरह के विमान को उड़ाने के लिए तैयार किया गया था. यही कारण है कि उन्हें दुर्घटनाग्रस्त होने वाली मशीन पर अनुभव कम था और वह इसे नहीं बचा सके.

उद्योग विशेषज्ञ (Industry Expert) ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कैप्टन अनिल सिंह एक अपतटीय (Offshore) पायलट थे, जिन्होंने बॉम्बे हाई के लिए मल्टी-इंजन दौफिन एन -3 विमान उड़ाया था. वह महज एक महीने पहले यानी सितंबर में ही आर्यन एविएशन में शामिल हुए थे.

यहां उन्होंने सिंगल-इंजन Bell407 को उड़ाना शुरू किया था. हादसे के बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि वह एक ऑफशोर पायलट थे और उन्हें पहाड़ों पर उड़ान भरते हुए ज्यादा समय भी नहीं हुआ था.

‘समुद्र और पहाड़ों पर उड़ान भरना बेहद अलग’

इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने आगे बताया कि अनिल सेना के पायलट रह चुके थे और इसलिए वह पहाड़ियों में पहले उड़े होंगे, लेकिन यह उनके करियर के शुरुआती दौर में था. एक बहु-इंजन हेलीकॉप्टर में समुद्र के ऊपर उड़ान भरना और सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टर पर पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना, दोनों ही काफी अलग हैं.

हेलिकॉप्टर में सवार होकर धाम से लौट रहे थे श्रद्धालु 

दरअसल, हेलिकॉप्टर में सवार श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौट रहे थे कि उसी दौरान हादसे का शिकार हो गए. घटना के वक्त मौजूद लोगों ने बताया कि उन्होंने तेज धमाका होते सुना. यहां मौसम अचानक बदला था. 15 मिनट में तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई और विजिबिलिटी बेहद कम हो गई थी. इसी दौरान तेज धमाके की आवाज़ आई और विमान क्रैश होते दिखा.

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