World wide City Live : पंजाब के पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के जिले में धान की कटाई के बाद खेतों में पराली को आग लगाने का सिलसिला सरेआम जारी है। पराली को आग लगाने पर सरकारी रोक के बावजूद किसान बाज नहीं आ रहे। लगातार जल रही पराली के कारण हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। धुएं के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। धुंध व पराली के धुएं के कारण हादसे हो रहे हैं व कई कीमती जानें चली जाती हैं।
जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बरनाला डा. वरिंदर कुमार ने कहा कि किसानों द्वारा खेतों में पराली को आग लगाना चिंता का विषय है। खेतीबाड़ी विभाग द्वारा समय-समय पर शिविर लगाकर किसानों को खेतों में पराली दबाने के लिए प्रेरित किया जाता है क्योंकि पराली को आग लगाने के कारण जमीन के मित्र कीट व जरूरी तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
आग लगाने वाले खेतों में कीटनाशक दवाइयों का असर भी कम होता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह धान की पराली को खेतों में जोतकर नष्ट करके जमीन को उपजाऊ शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ वातावरण शुद्ध रखें। क्टरों के अनुसार पराली से निकलने वाला धुआं जहां सेहत के लिए हानिकारक है, वहीं सांस के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
पराली की आग बुझाने गए तो इनको बनाया बंधक
1 नवंबर, 2022
जिले के गांव कलाला में पराली को लगी आग को बुझाने के लिए गए नायब तहसीलदार बरनाला सुरिंदर कुमार पब्बी, यर अफसर सुखप्रीत सिंह व तरनजीत सिंह सहित ड्राइवर राजविंदर सिंह को किसान यूनियन कादियां व किसानों ने बंधक बनाकर गाड़ी सहित गांव में घुमाया व गुरु घर कैद कर लिया। करीब साढ़े चार घंटे तक बंधक बने रहे। महलकलां पुलिस ने बंधक अधिकारियों को मुक्त करवाया। 100 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया था।
2, नवंबर 2022
किसान यूनियन एकता उग्राहां व किसानों ने गांव जगजीतपुरा में टोल प्लाजा के समक्ष नायब तहसीलदार बरनाला सुरिंदर कुमार बब्बी, फायर अफसर सुखप्रीत सिंह, सुखदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, जतिंदरपाल सिंह सहित ड्राइवर संदीप सिंह को बंधक बनाकर गाड़ी को कब्जे में ले लिया था।
इस टीम को किसान यूनियन एकता उग्राहां व किसानों ने डेढ़ घंटे तक बंधक बना कर रखा था। पुलिस ने किसान यूनियन को लिखकर दिया था कि पुलिस अथवा प्रशासन कोई कार्रवाई नही करेगा तब बंधकों को थाना शैहणा की पुलिस ने रिहा करवाया था।


