World wide City Live, जालंधर (आँचल) : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो प्रदेश के इंडस्ट्रियल प्लॉट की अलॉटमेंट और खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार 7 IAS और PCS अधिकारियों को आज मोहाली कोर्ट में पेश करेगी। विजिलेंस द्वारा कोर्ट से आरोपियों के रिमांड की मांग की जा सकती है, ताकि मामले की आगामी पड़ताल की प्रक्रिया पूरी की जा सके। इन अधिकारियों पर मिलीभगत से पंजाब सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं।
कोर्ट में पेश किए जाने वाले आरोपियों में आशिमा अग्रवाल एटीपी (योजना), JS भाटिया मुख्य महाप्रबंधक (योजना), दविंदरपाल सिंह जीएम कार्मिक, परमिंदर सिंह कार्यकारी अभियंता, जोगिंदरपाल सिंह और संपदा अधिकारी अंकुर चौधरी समेत रजत कुमार DA, संदीप सिंह शामिल हैं। विजिलेंस द्वारा इन्हें बीते कल, 5 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया है।
प्लॉट चहेतों को कौड़ियों के भाव किए अलॉट
उक्त अधिकारियों पर मिलीभगत से एक रियाल्टर फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए इंडस्ट्रियल प्लॉट्स को मार्केट वैल्यू के मुकाबले अपने चहेतों को कौड़ियों के भाव अलॉट कर बाद में उन्हें महंगे दाम पर बेचने समेत सरकारी फाइल से छेड़छाड़ के आरोप हैं। विजिलेंस ने मामले में दर्ज केस में पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा समेत पंजाब सरकार के कुल 14 सीनियर अफसरों को नामजद किया है। इनमें से पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (PSIDC) के उक्त 7 अफसरों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले का खुलासा पंजाब अगेंस्ट करप्शन के प्रधान सतनाम सिंह दाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था। इसके बाद लगातार मिली शिकायतों पर विजिलेंस ने यह कार्रवाई की है। लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल में इस मामले पर कार्रवाई नहीं किए जाने की बात सामने आई है।
मोहाली विजिलेंस थाने में दर्ज किया केस
आरोप हैं कि तत्कालीन प्रबंध निदेशक नीलिमा समेत पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने मिलीभगत से गुलमोहर टाउनशिप कंपनी के मालिकों/निदेशकों जगदीप सिंह, गुरप्रीत को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया। इस संबंध में विजिलेंस ने PSIDC के अधिकारियों समेत अन्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1)(ए), 13(2) व IPC की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के तहत मोहाली के विजिलेंस थाने में केस दर्ज किया है।


