World wide City Live : जहरीली शराब से ढाई साल पहले हुई 131 मौतों के बावजूद पंजाब में नकली शराब की बिक्री आम है। आंखों की रौशनी खोने वाले 15 लोगों को अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। ऐसे ही मुआवजे के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सूबे में अवैध शराब को लेकर ताजा हालात पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने पूछा है, हर मोहल्ले में शराब की भट्ठी चल रही है। इसे रोकने को क्या कार्रवाई हुई। कितने केस चले, कितने गिरफ्तार हुए।
तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर समेत 15 जिलों में अवैध शराब को लेकर जमीनी हकीकत जानी तो पाया कि तरनतारन केस का मास्टरमाइंड रशपाल सिंह 18 केस दर्ज होने के बावजूद जमानत पर छूट चुका है। सस्पेंड हुए 2 डीएसपी, 4 एसएचओ व 7 आबकारी कर्मी कुछ महीनों के बाद ही बहाल हो गए हैं। कई पीड़ितों को 5 की जगह 2 लाख रुपए ही मिले हैं। 15 जिलों में कार्रवाई के नाम पर अप्रैल से नवंबर तक 2016 केस दर्ज हुए। 1998 गिरफ्तारियां हुईं। 126040 लीटर शराब जब्त व 115 भट्ठियां नष्ट की गईं।
नेक्सस तोड़ने को कार्रवाई के नाम पर 8 माह में 15 जिलों में 2016 केस, 1998 गिरफ्तार पर जहरीली शराब कांड के मास्टरमाइंड तक जेल से छूटे
हकीकत- सतलुज और ब्यास दरिया के किनारों से सटे कई जिले बन चुके तस्करों के अड्डे, धंधा बदस्तूर जारी
होशियारपुर
दसूहा में पड़ते कठाना जंगल में शराब माफिया दिन रात अवैध शराब बनाने में जुटा है, लेकिन आज तक एक्साइज विभाग व पुलिस इन शराब के सौदागरों तक नहीं पहुंच पाई। करीब 200 से 300 एकड़ में यह जंगल ब्यास दरिया के मध्य टापू के आकार में फैला हुआ। दसूहा एक्साइज विभाग और गुरदासपुर पुलिस की ज्वाइंट टीम क्षेत्र में रेड करती है तो उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता। जंगल में जाने के लिए कश्तियों का सहारा लेना पड़ता है। एक्साइज विभाग की हल्का इंस्पेक्टर मंजीत कौर ने बताया, शराब माफियाओं द्वारा लगाई भाटि्ठयों को नष्ट किया जा रहा है। गांव बेगपुर, भिखोवाल, टेरिकयाना गांव शराब माफिया का केंद्र बने हुए हैं। 80 के करीब माफियाओं पर केस दर्ज हैं।
फिरोजपुर
सतलुज दरिया का इलाका वर्षों से कच्ची शराब तैयार करने वालों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। क्योंकि दरिया की जमीन में लाहन बरामद होने पर पुलिस किसी को नामजद नहीं कर पाती। अवैध शराब को लेकर सजा का प्रावधान न होने से लोगों को भय नहीं है। दरिया के आसपास 15 से अधिक ऐसे गांव हैं जहां से दूसरे इलाकों में भी सप्लाई होती है। जिले में 411 केस दर्ज कर 532 लोग गिरफ्तार किए गए। डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव ऐसे हैं जहां पर 100 से 120 रुपए में बोतल मिलती है। लोगों के पास रोजगार न होने से भी इस पर रोक नहीं लग पा रही। शराब ठेकेदार नीरज कुमार ने बताया, हम विभाग व पुलिस टीम के साथ छापेमारी करते हैं, पर कानून सख्त न होने से लोग मामूली जुर्माना भर कर छूट जाते हैं।


