World wide City Live, जालंधर (आंचल) : पंजाब के जालंधर में आशा वर्कर ने इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आशा वर्करों ने सूबे के मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि वह हर जिले में रैलियां कर सरकार को उनके वादे याद दिला रही हैं। उनका न वेतन बढ़ा है और न ही कोई भत्ता मिला है। जो पहले मिलता था सरकार ने उसे भी छीन लिया है।
डेमोक्रेटिक आशा वर्कर यूनियन की प्रदेश प्रधान मनदीप कौर ने कहा कि सरकार अपने किसी भी वादे पर खरी नहीं उतरी है। इनकी कथनी और करनी में भारी अंतर है। सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं ने वादा किया था कि वह पहली ही कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव लाकर कर्मचारियों की सारी मांगों को पूरा करेंगे। पंजाब में कहीं पर भी धरना नहीं लगने देंगे, लेकिन वर्तमान में हालात यह हैं कि राज्य में हर जगह कर्मचारी धरने पर बैठे हैं।
आशा वर्कर यूनियन की प्रधान मनदीप कौर और महासचिव शकुंतला सरोआ ने कहा कि उनकी यूनियन 2009 में बनी थी। वह तब से आशा वर्कर को विभाग में मर्ज करने की मांग कर रही हैं, लेकिन सभी सरकारों ने उन्हें ठगा ही है। कांग्रेस सरकार और अकाली सरकार ने भी उन्हें विभाग में मर्ज नहीं किया। अब उसी रास्ते पर प्रदेश की आम आदमी पार्टी सरकार चल रही है।
आशा वर्कर यूनियन के नेताओं ने कहा कि 13 दिसंबर से हर जिले में रोष रैलियां निकाल कर सरकार की आंखें और कान खोलने की कोशिश की जा रही है, लेकिन 31 दिसंबर कर यदि सरकार ने उनकी वेतन विसंगति दूर करने, हर साल इंक्रीमेंट देने, रेगुलर स्टाफ की तर्ज पर भत्ते देने, आशा वर्कर को विभाग में मर्ज करने इत्यादि की मांगों पर विचार कर पूरा ना किया को नए साल में संघर्ष को तेज करेंगे।


