किसान-मजदूर करेंगे प्रदर्शन, बोले- मांगें पूरी न हुई तो पक्का मोर्चा लगाएंगे

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World wide City Live : पंजाब के सभी डीसी दफ्तरों के बाहर पिछले 19 दिनों से धरना लगाकर बैठी किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज कर दिया है। किसान अपनी तय रणनीति के अनुसार आज राज्य के 11 जिलों में पड़ते 18 टोल नाकों पर जाकर प्रदर्शन करेंगे। टोल नाकों पर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक धरना देंगे।

किसान अपने धरना प्रदर्शन के दौरान टोल नाकों से निकलने वाले किसी भी वाहन की फीस नहीं काटने देंगे। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि आज तो सिर्फ दो घंटे के लिए ही टोल नाके बंद किए जाएंगे। दो घंटे के लिए टोल प्लाजा बंद रखने का कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा, लेकिन यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गौर ना किया तो संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा के बाद पिछले आंदोलन की तर्ज पर टोल प्लाजा पर पक्का मोर्चा लगा दिया जाएगा।

किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सराकर अपने किए वादों से अब मुकर रही है। सितंबर महीने में कृषि मंत्री से बात हुई को उन्होंने कहा कि 634 शहीदों के परिवारों को मुआवजा दे दिया दिया गया। जबकि शेष को मुआवजा देने और उनके परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने का मामला अभी विचाराधीन है। सरकार ने अपनी नियत स्पष्ट कर दी है कि वह अपने वादे से मुकर रही है। दो साल बाद भी सरकार विचार कर रही है।

17 हजार प्रति एकड़ मुआवजे से भी पीछे हटी सरकार

पंधेर ने कहा कि सरकार ने उनके साथ वादा किया था कि फसलों का नुकसान होने पर किसानों को 17 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब सरकार उससे भी पीछे हट रही है। सरकार ने फसली नुकसान के मुआवजे के लिए 5400 रुपए प्रति एकड़ से लेकर 12 हजार प्रति एकड़ का क्राइटीरिया बना दिया है।

केंद्र सरकार ने आंदोलन समाप्त करवाने के लिए किसानों के साथ जो वादे किए थे और लिखित में जो समझौता हुआ था उस पर खरी नहीं उतरी है।पंधेर ने कहा कि ना तो केंद्र सरकार ने किसानों पर दर्ज मामले ही वापस लिए और ना ही अन्य मांगों पर कोई विचार किया है। पिछले 19 दिनों से डीसी दफ्तरों के बाहर किसान शांतिमय तरीके से धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार को उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है। अब टोल प्लाजा बंद करने का निर्णय लिया गया है।

एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखे पत्र बंद ना होने दिए जाएं टोल नाके

नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को किसानों की कॉल के बाद कमाई बंद होने की चिंता सताने लगी है। अधिकारियों ने अपने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे हैं कि पहले ही कोरोना और पिछले किसान आंदोलन के दौरान लंबे समय तक टोल प्लाजा बंद रहने से काफी नुकसान हो चुका है। अब इन्हें बंद न होने दिया जाए।

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