अब दुश्मनों की खैर नहीं, झटके में काम तमाम

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World wide city live : स्वदेश निर्मित P15B स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत ‘मोरमुगाओ’ को आज भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। ‘मोरमुगाओ’ की जरिए भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी तथा देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और चाकचौबंद होगी। इस विध्वंसक युद्धपोत को भारतीय नौसेना के ‘वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है। आईएनएस मोरमुगाओ का नाम पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है।

‘मोरमुगाओ’ युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है। यह परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध स्थितियों में लड़ सकता है।

इस युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन लगी हैं जिनकी मदद से यह जंगी जहाज 30 समुद्री मील से अधिक की रफ्तार से चल सकता है जो कि झटके में दुश्मन का काम तमाम कर सकता है।

आईएनएस मोरमुगाओ में परिष्कृत ‘अत्याधुनिक’ हथियार और सेंसर हैं। यह आधुनिक निगरानी रडार के अलावा सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है जो हथियार प्रणालियों को लक्ष्य डेटा प्रदान करता है।

यह चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसक में से दूसरा है जिसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है। युद्धपोत का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया था।

पोर्तुगीज शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे होने पर आईएनएस मोरमुगाओ ने पिछले साल 19 दिसंबर को अपनी पहली समुद्री उड़ान भरी थी। एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि करेगा।

इस युद्धपोत में लगीं मिसाइलें आसमान में उड़ान भरते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम हैं।

आधुनिक रडार की मदद से इस युद्धपोत पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे। आईएनएस मोरमुगाओ 127 मिलीमीटर गन से लैस है. इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है।

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